मनी भास्कर खास /गाय के गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू, कीमत 110 रुपए प्रति लीटर
- खादी ग्रामोद्योग आयोग की जयपुर यूनिट में शुरू हुआ काम
- बाजार में बेचने की तैयारी में केवीआईसी
- रंग बनाने के लिए 5 रुपए किलो गोबर की खरीदारी
नई दिल्ली। देश में गाय के गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू हो गया है। सुनकर थोड़ा अजीब भी लगता है, लेकिन यह सच्चाई है। एमएसएमई मंत्रालय के अधीन काम करने वाला खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की जयपुर स्थित यूनिट केएनएचपीआई ने यह सफलता हासिल की है। यह पेंट बाजार में बिकने वाले पेंट की तरह है और इसका कमर्शियल इस्तेमाल किया जा सकता है। केवीआईसी जल्द ही गाय के गोबर से बनने वाले पेंट की मार्केटिंग की तैयारी कर सकती है।
अभी इंटरनल कार्यों के लिए हो रहा पेंट का इस्तेमाल
केवीआईसी के सीएमडी वीके सक्सेना ने मनी भास्कर से बातचीत में बताया कि केएनएचपीआई में गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बाजार में आमतौर पर पेंट की कीमत 225 रुपए प्रति लीटर है, जबकि गोबर से बनने वाले पेंट की कीमत 110 रुपए प्रति लीटर है। उन्होंने बताया कि अभी केवीआईसी गोबर से बनने वाले पेंट का इंटरनल इस्तेमाल कर रही है। सक्सेना ने मनी भास्कर को बताया कि अभी केवीआईसी की तरफ से मधुमक्खी पालन के लिए दिए जाने वाले बी-बॉक्स को रंगने के लिए गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पेंट कई रंगों में उपलब्ध होगा। जल्द ही इसकी सप्लाई बाजार में की जा सकती है। गाय के गोबर से घरों की पुताई करने की परंपरा भारत के ग्रामीण इलाके में काफी पुरानी है, लेकिन गोबर से बनने वाले पेंट बिल्कुल डिस्टेंपर पेंट की तरह है। इस पेंट की सबसे बड़ी खासियत है कि यह केमकिल से तैयार होने वाले पेंट की तरह नुकसानदेह नहीं है।
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5 रुपए प्रति किलो में हो रही गोबर की खरीदारी
सक्सेना ने मनी भास्कर को बताया कि गोबर से पेंट बनाने के काम के लिए ज्यादा गोबर की जरूरत है और गोबर की मांग को पूरा करने के लिए गोबर खरीदने का काम शुरू किया गया है। 5 रुपए किलोग्राम के हिसाब से यहां गोबर की खरीदारी की जा रही है। एक जानवर एक दिन में 8-10 किलोग्राम गोबर करता है। ऐसे में किसानों को अपनी मवेशियों से रोजाना कम से कम 50 रुपए तक की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।

