13 वर्षीय किशोर का स्टार्टअप कर रहा है कमाल
दिल्ली एनसीआर का 13 वर्षीय इस किशोर ने रिसाइकल योग्य कचरे के निपटारे के लिए स्टार्टअप की स्थापना की है। यह स्टार्टअप कचरा लेने के बदले लोगों को फैंसी होम डेकोर उत्पाद प्रदान करता है। विक्रमजीत सिंह कंवर (13 वर्षीय किशोर का स्टार्टअप कर रहा है कमाल )

क्या आपने कभी सोचा है कि हर दिन घर पर इकट्ठा होने वाले कचरे के बदले में, आपको फैंसी होम डेकोर उत्पाद प्राप्त होंगे? देश में कचरा प्रबंधन के मुद्दे को हल करने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 13 वर्षीय विक्रमजीत सिंह कंवर ने 2015 में मैक्स एक्सचेंज की स्थापना की। स्टार्टअप सूखा और गीला कचरा इकट्ठा करता है और बदले में घर के सामान, कुशन नोटपैड, कांच के बने पदार्थ, फर्नीचर, प्लांटर्स, और अन्य समान देता है।
एनडीटीवी से बात करते हुए विक्रमजीत कहते हैं, “कागज, कार्डबोर्ड, विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक कचरे से लेकर मल्टी लेयर प्लास्टिक, एकल-उपयोग प्लास्टिक, पीईटी बोतलें, कंटेनर, धातु, कांच की बोतलें और टायर समेत हम सभी प्रकार के रिसाइकिल हो सक्ने वाले उत्पाद इकट्ठा करते हैं। वर्तमान में, हम गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली के कुछ हिस्सों में 150 से अधिक स्थानों से अपशिष्ट इकट्ठे कर रहे हैं।
प्रत्येक आवासीय भवन, संगठन और सोसाइटी पॉइंट्स की स्थापना की गई है। हमारे पास कचरा उठाने का वाहन और एक निश्चित समय सारिणी भी है।” साथ देते हैं एनजीओ यह किशोर एकत्रित कचरे को एक समर्पित टीम को देता है, जिसे अलग करने के बाद प्लास्टिक कचरे को साफ किया जाता है। दूसरी ओर, स्टार्टअप ग्रेफाइट पर कागज को रोल करने के लिए मशीनों का उपयोग करता है और बाद में रेड क्रॉस सोसाइटी जैसे गैर-सरकारी संगठनों से जुड़े बच्चों द्वारा इसे पैक किया जाता है। आयोजकों द्वारा बच्चों को उनके काम के लिए नकद भुगतान भी किया जाता है।
एडेक्स लाइव के अनुसार, यह युवा सामाजिक उत्साही अपने परिसर में और उसके आस-पास और कभी-कभी अपने परिचितों के कॉर्पोरेट कार्यालयों से भी पेपर एकत्र कर रहा है। इन अखबारों को इकट्ठा करने के बाद 13 वर्षीय यह किशोर बच्चों के लिए स्टेशनरी खरीदने के लिए इन्हे बेच देता है। ऐसे आया विचार मोड़ तब आया जब एक महिला ने अपने रिसाइकल योग्य वस्तुओं को दान करने से इनकार कर दिया।
विक्रमजीत कहते हैं, “वह कुछ पैसे कमाने के लिए खुद इसे बेचने के लिए इंतजार कर रही थी। तभी मुझे यह विचार आया कि हर कोई अपनी रीसायकल योग्य कचरे को स्वतंत्र रूप से देने के लिए तैयार नहीं है। मुझे इस प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना था ताकि अधिक से अधिक लोग आगे आएं और अपना योगदान दें।”
हालांकि वापस मिलने वाले उत्पादों में यह निर्भर करता है कि लोगों ने किस तरह का कचरा दान किया था। जैसे अख़बार के दान पर लोगों को इससे अपसाइकल किए हुए उत्पाद मिलते हैं। इस प्रकार मैक्स एक्सचेंज अस्तित्व में आया और पिछले दो वर्षों से सफलतापूर्वक चल रहा है।
अब, विक्रमजीत की योजना 2020 तक मध्य तक दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में पहल करने की है। उसी के लिए स्टार्टअप ने सूखा कचरा इकट्ठा करने के लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली के अन्य हिस्सों में कॉर्पोरेट कार्यालयों, फर्मों और आवासीय सोसाइटियों के साथ समझौता किया है।
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